Tuesday, September 17, 2024
Homeउत्तराखंडभारत की संस्कृति व परिवेश को दृष्टिगत रखते हुए ‘‘भारत भारती उत्सव"...

भारत की संस्कृति व परिवेश को दृष्टिगत रखते हुए ‘‘भारत भारती उत्सव” प्रतिबर्ष होंगे कार्यक्रम आयोजित!

देहरादून 13 अक्टूबर, 2019(हि. डिस्कवर) 
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में प्रदेश के निजी उच्च शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ अनेकता में एकता के संदेश के उद्देश्य से ‘‘भारत भारती उत्सव‘‘ मनाने की लिए विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तराखण्ड में देश के विभिन्न राज्यों से बच्चें उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। एक स्थान पर सम्पूर्ण भारत की संस्कृति व परिवेश से बच्चे परिचित हो, उनका एक-दूसरे से समन्वय हो, ‘‘भारत भारती‘‘ के नाम से राज्य में प्रतिवर्ष एक कार्यक्रम आयोजित किया जाय तो इससे बच्चे भी आपस में तालमेल कर पाएंगे, जिससे राष्ट्रीय एकता का संदेश भी जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि उत्तराखण्ड में पढ़ने वाले अनेक राज्यों के बच्चों को अपनी सांस्कृतिक परिवेश का एहसास हो। हमारा प्रयास है कि उत्तराखण्ड से सम्पूर्ण देश में एकता का स्वर पहुॅचें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से लोग देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति, और रहन-सहन से भी परिचित होंगे। यहां पढ़ने वाले बच्चों को दोस्ताना माहौल मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के बच्चे जो यहां पढ़ रहे हैं, उन्हें एक मंच देकर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते हैं। इसके लिए संस्कृति विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को नशे की बुरी लत से बचाया जा सके, इसके लिए भी शिक्षण संस्थानों को प्रयास करने होंगे।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति श्रीमती दीप्ति रावत, अपर सचिव मुख्यमंत्री डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, निदेशक संस्कृति विभाग श्रीमती बीना भट्ट, क्वांटम युनिवर्सिटी के वीसी विवेक कुमार, उत्तराखण्ड युनिवर्सिटी के चांसलर जितेन्द्र जोशी, कोर कालेज के चांसलर जे.सी.जैन, डॉ.विपिन चौधरी, डॉ. कमल घनसाला, डॉ. सुभाष गुप्ता, अनुज अग्रवाल, अरूण धांद आदि उपस्थित थे।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES