Saturday, July 27, 2024
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भाकृअनुप – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान द्वारा सत्यनिष्ठा की शपथ

देहरादून 28 अक्टूबर 2019 (हि. डिस्कवर)
भाकृअनुप – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान के मुख्यालय, देहरादून, अनुसंधान प्रक्षेत्र सेलाकुई, देहरादून एवं संस्थान के विभिन्न राज्यों में स्थित आठ अनुसंधान केंद्रो में उच्च कोटि की सत्यनिष्ठा ईमानदार व सर्तक रहने की शपथ 28 अक्टूबर, 2019 को ली। सर्तकता जागरूकता सप्ताह, जिसका केंद्र ’सत्यनिष्ठा- एक जीवनशैली’ है का आरंभ संस्थान के सभी वैज्ञानिको, तकनीकी अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा (सत्यनिष्ठा की शपथ) लेकर हुआ!

संस्थान के निदेशक डाॅ पी आर ओजस्वी ने संस्थान के सभी वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को शपथ दिलाई। उन्होंने संस्थान के सभी कर्मचारियों एवं वैज्ञानिकों से सक्रिय रूप से एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रमों में भाग लेने को कहा, जिससे सतर्कता और सत्यनिष्ठा और विभिन्न विधियों एवं तौर तरीकों पर दूरगामी प्रभाव पडे़गा।

शपथ ने इस बात को दोहराया कि भ्रष्टाचार हमारे देश के आर्थिक, राजनैतिक एवं सामाजिक प्रगति के लिए एक मुख्य बाधा रहा है, जिसका उन्मूलन रणनीति बना कर, सतर्कता व प्रतिबद्धता, ईमानदारी व सत्यनिष्ठा के उच्च मानकों का पालन हितधारकों, सरकारों, नागरिकों व निजी क्षेत्र द्वारा एक साथ करनेे से होगा। करीब 100 कर्मचारियो, प्रशिक्षण के लिए आये अधिकारियों, संस्थान के प्रधान वैज्ञानिकों डाॅ पी आर ओजस्वी, एन के शर्मा, बाँके बिहारी, चरण सिंह, एस एस श्रीमाली, देबाशीष मंडल, राजेश कौशल, यू के मौर्य, लेख चंद, एस पात्रा, उदय मंडल और साश्वत कुमार एवं वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों डाॅ संगीता नैथानी शर्मा, एस के सिन्हा, अनिल चैहान, प्रमोद गर्ग, के आर जोशी एवं अमित चैहान ने शपथ ली ।

डाॅ एम मुरूगानन्दम, प्रधान वैज्ञानिक एवं संस्थान के सतर्कता अधिकारी, जो कि सप्ताह भर के सतर्कता जागरूकता कार्यक्रम का समन्वय कर रहे है, जिसमें सत्यनिष्ठा की शपथ, विशेष संगोष्ठियाँ एवं प्रेस के लिए लेख होंगे जिसके जागरूकता पर दूरगामी परिणाम होगे जो सतर्कता व सत्यनिष्ठा पर अपना प्रभाव डालेंगे। विशेष संगोष्ठियों का आयोजन 31 अक्टूबर एवं 02 नवम्बर, 2019 को होगा।

भारतीय वन्य जीव संस्थान के एनसीजीजी, भाकृअनुप-भामृजसंसं आदि के विभिन्न संस्थानों के जैसे तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, वैज्ञानिक एवं अधिकारी अपना ज्ञान भ्रष्टाचार, सत्यनिष्ठा का हास, उसके दुष्प्रभावों, कर्मचारियों एवं संस्थानों को प्रभावी कार्यप्रणाली अपनाने, प्रशासनिक कार्य में सतर्कता की सभी पर जिम्मेदारी, वर्तमान /नए नियमों की जानकारी, सुशासन, सत्यनिष्ठा के लिए संकल्प आदि पर विशेष संगोष्ठियों में चर्चा करेंगें।

संगोष्ठी उन सभी के लिए खुली है, जो कि सुशासन सतर्कता राष्ट्र एवं विश्व के नागरिकों को प्रभावी सेवा प्रदान करने के इच्छुक है। इन विशेष संगोष्ठियों/प्रस्तुतीकरणों में करीब 150 वैज्ञानिक शोधार्थी संकायो के सदस्य, विभिन्न संस्थानों के कर्मचारी, प्रशिक्षु-अधिकारी, संस्थान के अधिकारी/कर्मचारी एवं प्रेस व मीडिया के प्रतिनिधि भाग लेंगें।

कार्यक्रम का उद्देश्य जनमानस को सरकारी एवं निजी कार्यालयों में प्रभावी रूप से सतर्कता एवं सत्यनिष्ठा के विभिन्न आयामों के प्रति संवेदनशील बनाना और सच्चाई व पारदर्शिता को मूल अव्यव की भाँति प्रशासनिक एवं जनता के लिए किए जा रहे कार्य में अमल मे लाना है।

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