Saturday, July 27, 2024
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बदरी केदार धाम के कपाट खुलने के समय में बदलाव। अब 15 मई को खुलेंगे कपाट। केदारनाथ पर असमंजस की स्थिति।

(मनोज इष्टवाल)

केदार नाथ के रावल श्री श्री श्री 1008 भीमशंकरलिंग, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज व टिहरी राज दरबार द्वारा आपसी मन्त्रणा के बाद बदरी केदारनाथ के कपाट खुलने की दूसरी तिथि धर्म संगत व पंचागीय दृष्टि के अनुरूप 15 मई बद्रीनाथ कर दी गयी है।

वहीं केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी देते हुए कहा है कि केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि का निर्धारण कल 11 बजे तक हो जाने की उम्मीद है क्योंकि इसकी तिथि का निर्धारण केदारनाथ के रावल श्री श्री श्री 1008 भीमाशंकरलिंग व वहां का पंडा समाज खुद तय करेगा।

यह बदलाव कोरोना महामारी को देखते हुए लिया गया सराहनीय फैसला कहा जा सकता है क्योंकि कपाट खुलने के धर्म व आस्था का सैलाब भला कैसे कोई रोक पायेगा। ऐसे में गहन चिंतन के पश्चात यह फैसला देश काल परिस्थिति को देखकर एक बेहतरीन फैसला कहा जा सकता है।

ज्ञात हो कि धार्मिक आस्था के चलते 1783 ई. में हैजा नामक महामारी के चलते हरिद्वार कुम्भ स्नान के समय फैली हैजा से 8 दिन के अंदर 2000 लोगों की जानें चली गयी थी। धार्मिक आस्था के इन्हीं लोगों में से कई लोग बद्रीनाथ यात्रा पर निकल पड़े लेकिन हर पैदल मार्ग में हैजा से इनकी मौत होती रही व इसी कारण शांत वादियों वाला गढ़वाल मंडल ने भी हैजा का प्रकोप झेला व सैकड़ों मौतें हुई।

धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि

बद्रीनाथ धाम के कपाट अब15 मई को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट टिहरी नरेश महाराजा मनुजेंद्र शाह ने covid19 को देखते हुए निर्णय लिया है कि धाम के कपाट 30अप्रैल की जगह अब 15 मई को खुलेंगे और गुड्डू तेल 24 अप्रैल की जगह 5 मई को राजदरबार नरेंदनगर में सम्पन्न होगा।

वर्तमान महामारी को देखते हुए अगर यह फैसला लिया गया है तो सभी धर्मावलम्बियों को इस फैसले का स्वागत करना चाहिए क्योंकि यह धर्म व आस्था के साथ साथ जनजीवन के सुरक्षित रहने व रखने का सवाल भी हो। चाहे बोलांदा केदार हो या जन रक्षक राजा व मुख्यमंत्री या फिर धर्म रक्षक धर्मस्व मंत्री….! यह फैसला यकीनन स्वागत योग्य है।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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