देहरादून (हि. डिस्कवर)
उत्तराखंड प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में राजधानी देहरादून में 23 जनवरी को होने वाले चुनाव में प्रचार आज देर रात तक थमने के बाद आगामी 23 जनवरी को 30 लाख 29 हजार मतदाता अपना वोट डालेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि पूरे चुनाव में जहाँ भाजपा और कांग्रेस अपनी मजबूत दावेदारी के साथ जीत के लिए खुद को आश्वस्त मान रही है वहीं अंदर खाने उनके जबड़े से एक निर्दलीय प्रत्याक्षी श्रीमति सुलोचना इष्टवाल वे नाराज वोट छीन रही है जो इन पार्टियों से नाराज वर्ग है।
ज्ञात हो कि पूर्व में श्रीमति सुलोचना इष्टवाल उत्तराखंड क्रांति दल की नेत्री रही हैं। यूकेडी में विघटन के पश्चात वह शिव प्रसाद सेमवाल धड़े ने राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी बना ली थी जिसमें श्रीमति इष्टवाल भी शामिल हो गई थी लेकिन निकाय चुनाव में उन्होंने किसी दल बिशेष से चुनाव न लड़ आम लोगों के मध्य अपनी जन छवि के आधार पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोकी है।
बेहद धीमी चाल में घर-घर, दर-दर वोट मांगने गई श्रीमति सुलोचना इष्टवाल ने विगत दिन जब अपनी रैली में शक्ति प्रदर्शन किया तब भाजपा व कांग्रेस की आँखें खुली हैं।
ज्ञात हो कि राजधानी देहरादून में मेयर पद के कुल 11 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। भाजपा व कांग्रेस के मध्य त्रिकोणीय संघर्ष में एकाएक दमदार एंट्री करने वाली सुलोचना इष्टवाल को अपने चुनाव निशान छत का पंखा के सातग क्षेत्रीय जनता एवं युवाओं का अच्छा जन समर्थन मिल रहा है। जिससे आमजन के बीच अचानक यह नाम सबकी जुबान में चढ़ने लगा है।
श्रीमति सुलोचना इष्टवाल का मानना है कि राजधानी देहरादून की जनता बेहद शिक्षित और समझदार है। वह राष्ट्रीय दलों के खोखले वायदों के लॉलीपॉप से खिन्न आ गई है व भले से जानने लगी है कि उन्हें कैसा उम्मीदवार मेयर के रूप में चाहिए। उन्होंने कहा कि हम जनता के लिए सड़कों पर पहले भी संघर्ष करते रहें हैं आगे भी लगातार आम जन के साथ रात-दिन खड़े मिलेंगे अब जनता को सोचना है कि उन्हें अपना आशीर्वाद किसे देना है।