Saturday, July 27, 2024
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चार धाम यात्रा मार्गों में जीएमवीएन के पर्यटक आवास गृहों में मांसाहार पूर्णत: प्रतिबंधित-सतपाल महाराज

नयी दिल्ली/देहरादून (हि. डिस्कवर)

 प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा दिल्ली में आयोजित एक प्रेस वार्ता में अवगत कराया गया कि पर्यटन मंत्रालयभारत सरकार के सहयोग से स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजना के अन्तर्गत प्रदेश में अवस्थापना सुविधायें विकसित की जा रही है। स्वदेश दर्शन योजना के अन्तर्गत आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु कुुमाऊं क्षेत्र में कटारमल-जागेश्वर-बैजनाथ-देवीधूरा हैरिटेज सर्किट हेतु रू0 2095.60 लाख (बीस करोड़ पच्चानवंे लाख साठ हजार) अवमुक्त किये गये हैं।

राज्य में हैरिटेज सर्किट के तहत इन स्थलों को विकसित कर पर्यटकों के लिए सुविधायें बढ़ाई जायेगीं। इसी तरह प्रसाद योजना के अन्तर्गत केदारनाथ धाम के विकास हेतु रू0 05 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गई है। उन्होंने कहा कि मैं माननीय पर्यटन मंत्रीभारत सरकार एवं उनके मंत्रालय का आभारी हूं कि उनके द्वारा उत्तराखण्ड में पर्यटन विकास हेतु विशेष प्रयास कर विभागीय  सहायता प्रदान की गई है। प्रदेश सरकार विश्व के पर्यटन मानचित में उत्तराखण्ड को एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन आकर्षण के रूप में प्रतिस्थापित करने एवं पर्यटन की असीम सम्भावनाओं को विकसित करने हेतु प्रतिबद्ध है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने  स्पष्ट किया गया कि चारधाम यात्रा मार्ग में गढ़वाल मण्डल विकास निगम लि0 के पर्यटक आवास गृहों में मांसाहारी भोजन पूर्णतया प्रतिबंधित है। कुछ व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया में यह अफवाह फैलाई जा रही है कि चारधाम यात्रा मार्ग में मांसाहारी भोजन परोसा जा रहा है। यह अफवाह बेबुनियाद एवं निराधार है।

                उत्तराखण्ड में देश-विदेशों से पर्यटक, यात्री एवं श्रद्धालुओं का आवागमन में वृद्धि हुई है। सुचारू रूप से चल रही चारधाम यात्रा में इस वर्ष 04 जुलाई, 2018 तक आये श्रद्धालुओं की संख्या 21,82,108 है तथा भविष्य में श्रद्धालुओं की संख्या में निश्चित रूप से बढ़ोŸारी होगी।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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