Saturday, July 27, 2024
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“ओ माहिया” वीडिओ अल्बम के लोकार्पण पर जुटे प्रदेश के लोकसंस्कृतिकर्मी।

देहरादून 9 अक्टूबर 2019 (हि.डिस्कवर)

उत्तराखंड की लोक संस्कृति विश्व में ख्याति प्राप्त हो यह हम सब उत्तराखंड वासियों की इच्छा ह, उपरोक्त उद्गार उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने गढ़वाली लोक गायिका बिना बोरा के गीत “ओ माहिया” के लोकार्पण अवसर पर व्यक्त किए ।

देहरादून के एक स्थानीय होटल में गढ़वाली गीत “ओ माहिया” के लोकार्पण समारोह के अवसर पर प्रेम अग्रवाल ने कहा है कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन में जिस प्रकार से गीतकार, साहित्यकार, पत्रकारो एवं विभिन्न समुदायों का योगदान रहा इसी के बल पर उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ ।

विधान सभा अध्यक्ष प्रेम अग्रवाल ने कहा है कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी है परंतु जब यहां के लोक संस्कृति परंपरा रीति-रिवाज की बात करते हैं तो उत्तराखंड की ख्याति संपूर्ण देश एवं विश्व पटल पर अंकित होती है ।

विधान सभा अध्यक्ष को पुष्प गुच्छ भेंट करती गायिका बीना बोरा।

उन्होंने कहा है कि “ओ माहिया” गीत शुद्ध रूप से प्रेम रस पर आधारित है इस प्रकार के गीतों के प्रदर्शन से जहां उत्तराखंड को फिल्म निर्माण के लिए उपजाऊ धरातल प्राप्त हो रही है वहीं बड़ी बड़ी फिल्में भी इस प्रदेश में निर्मित की जा रही है जिससे यहां के पर्यटन एवं तीर्थाटन का दूर-दूर तक प्रचार-प्रसार हो रहा है ।

विधान सभा अध्यक्ष ने लोक संस्कृति से जुड़े हुए लोगों का आह्वान करते हुए कहा है कि यह प्रदेश लोक कलाकारों एवं संस्कृति के प्रति रुचि रखने वाले लोगों की देन है उन्होंने लोक संस्कृति को और बढ़ाने का आह्वान किया ।

उत्तराखण्ड में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त उत्तराखण्ड के हास्य कलाकार घन्ना नन्द (उपाध्यक्ष संस्कृति) ने कहा कि यह अच्छी बात है कि यहां उत्तराखण्डी लोकसंस्कृति की लोकविधा को संजोने के लिए आये दिन युवा आगे बढ़ रहे हैं लेकिन अपनी दमदार रचनाओं के सृजन की जगह वे लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों को ही घोट-घाट का नए रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।

जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने कहा कि “ओ माहिया” की गायिका बीना बोरा की आवाज में ठेठ पहाड़ की बसासत बसती है। वह उत्तरकाशी क्षेत्र के गीतों को गाते हुए जो मिठास घोलती है उसका कोई जबाब नहीं। उन्होंने कहा कि नए लिख्वार व गायकों के इस युग में नित नए प्रयोग हो रहे हैं जिन पर हमें बहुत सम्भलकर कार्य करना है, इसलिये प्रयोग धर्मिता के साथ यह सोच भी अवश्य पालें कि आप जो समाज के आगे रख रहे हैं समाज उसको कितना अंगीकार कर रहा है।

सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने “ओ माहिया” की पूरी टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम जो भी बिषय चुने वह अपनी थाती माटी के लोकसमाज, लोक संस्कृति की धरोहर जैसे रंगों में रंगा हो ताकि उसकी खुशबू पूरी देश दुनिया तक फैले। उन्होंने गायिका बीना बोरा को अग्रिम भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनसे उम्मीद है कि वह जब भी कोई शब्द गुनगुनाएं उसमें उत्तराखण्ड की खुशबू सम्माहित हो।

कार्यक्रम में संस्कृति साहित्य परिषद के उपाध्यक्ष घनानंद, प्रसिद्ध गीतकार नरेंद्र सिंह नेगी, जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, आदि लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए वहीँ अभिनय में प्रशांत गगवाड़ी व शालिनी सुंदरियाल ने अपने अभिनय से सबको मंत्रमुग्ध किया।

इस अवसर पर संगीतकार संजय कुमोला, फिल्म निर्माता दर्शन रावत, रंगकर्मी एवं संस्कृति कर्मी बचन सिंह रावत, लोक गायिका कल्पना चौहान, लोक गायिका मीना राणा, कार्यक्रम की आयोजक श्रीमती बीना बोरा, फिल्म निर्माता विशाल नैथानी, वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल, हरीश कुकरेजा आदि सहित अनेक लोग उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन गणेश खुगशाल “गणी” ने किया ।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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