*उत्तराखंड को मिला भारत सरकार से कृषि कर्मण पुरस्कार।
*प्रधानमंत्री 3 जनवरी को बंगलोर में आयोजित कार्यक्रम में देंगे पुरस्कार।
*विगत वर्ष भी मिला था कृषि कर्मण पुरस्कार।
देहरादून 21 दिसम्बर 2019 (हि. डिस्कवर)
उत्तराखण्ड में खेती के क्षेत्र में किये जा रहे अभिनव कार्यों को केन्द्र सरकार से भी सराहना मिल रही है। किसानों की आय को दोगुनी करने के उद्देश्य से पिछले ढाई वर्षों में राज्य सरकार द्वारा जो पहल की गई, उसी का परिणाम है कि उत्तराखंड को भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा लगातार कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए चयनित किया जा रहा है। इस बार भी राज्य को वर्ष 2017-18 के लिए कुल खाद्यान्न उत्पादन श्रेणी-2 में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु कृषि कर्मण पुरस्कार दिये जाने के लिए चयनित किया गया है।
आगामी 03 जनवरी, 2020 को बंगलौर में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रदान किया जायेगा। इस पुरस्कार में 5.0 करोड़ रूपये की धनराशि, ट्रॉफी एवं प्रशस्ति पत्र शामिल है।
इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड में जैविक कृषि को बढावा देने के लिए पूरी गम्भीरता से काम कर रही है।
परंपरागत कृषि विकास योजना के पहले चरण में स्वीकृत 3900 जैविक कलस्टरों में काम शुरू किया जा चुका है। कृषि और जैविक कृषि के लिए विभिन्न नवोन्मेषी कदम उठाए गए हैं। उत्तराखण्ड में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए ‘मिट्टी से बाजार तक‘ की रणनीति पर कार्य किया जा रहा है। किसानों को बिना ब्याज ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उत्तराखण्ड के जिन किसानों के पास कृषि उपकरण नहीं हैं, उनके लिए ‘फार्म मशीनरी बैंक‘ योजना शुरू की गयी है। इसके लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में विकास हेतु शुरू की गयी पहलों के माध्यम से कृषि में राज्य में काफी अच्छा काम किया गया है।
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