Tuesday, October 8, 2024
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उत्तराखंड की पहली वेब सीरीज “मनसा” का लोकार्पण!

देहरादून (हि. डिस्कवर)

आखिर इन्तजार खत्म हुआ और कल उत्तराखंड के जाने माने संस्कृतिकर्मी, रंगकर्मी व लोककलाकारों के बीच अनिल बिष्ट इंटरटेनमेंट द्वारा उत्तराखंड की पहली गढ़वाली वेब सीरीज “मनसा” का लोकार्पण राजधानी देहरादून के एक होटल में हुआ! सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, उत्तराखंड फिल्म एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील नेगी, उफ्तारा के अध्यक्ष प्रदीप भंडारी, विक्रम सिंह बिष्ट व मुख्य अतिथि पद्मेंद्र सिंह बिष्ट “टैगू” इत्यादि द्वारा दीप प्रज्वलित कर इस वेब सीरीज का लोकार्पण किया गया जिसके मुख्य अंश प्रोजेक्टर के माध्यम से डिस्प्ले किये गए!

“मनसा” के प्रथम एपिसोड के कुछ दृश्य

मूलतः गढ़वाली भाषा में बनी 11 एपिसोड की यह वेब सीरीज देवभूमि उत्तराखंड की धर्म संस्कृति, लोकसमाज को विदेशों तक पहुंचाने और पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए साकारात्मक प्रयास कहा जा सकता है! पारिवारिक ताने -बाने बुनती यह सीरीज मूलतः गढवाली लोक समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती अपने चरम पर पहुंचती है, जहाँ आप समाज की कुरीतियों के साथ-साथ उसके सुखद पहलुओं का भी आभास करते हैं!

“मनसा” का निर्माण अनिल बिष्ट इंटरटेनमेंट के बैनर तले श्रीमती सरिता नेगी ने किया है! उन्होंने बताया कि यों तो उनके पतिदेव अनिल बिष्ट जी बर्षों से इस फील्ड में काम करते आ रहे हैं लेकिन मेरी एक हार्दिक इच्छा थी कि कुछ ऐसा भी हो जो पहाड़ के सभी सामाजिक पहलुओं, यहाँ के लोक समाज, लोक संस्कृति, लोक सभ्यता, बन प्रकृति व पर्यावरण से जुड़ा सामूहिक बिषय हो! इस बात पर हमने आपसी चर्चा की व इसके बाद बिष्ट जी ने इस पर कहानी लिखना शुरू क्र दिया जो “मनसा” यानि मन इच्छा को पूरी करती कहानी बन गई! मुझे लगा कि इस से बेहत्तर कुछ और हो नहीं हो सकता अत: अपनी स्वीकृति के साथ इस पर कार्य प्रारम्भ कर दिया! बिष्ट जी की सम्पूर्ण टीम ने लगभग डेढ़ साल इस वेब सीरीज को मूर्तरूप देने पर लगाए और अब यह बनकर आज आप लोगों के सामने है उम्मीद है आप सबको पसंद आएगी!

“मनसा वेब सीरीज” के निर्देशक ने कहा कि उनका मकसद अपनी संस्कृति को देश दुनिया तक पहुंचाने का था ताकि विश्व के हर समाज के लोग इसकी खुशबु महसूस कर सकें! यह वेब सीरीज अपने बढ़ते क़दमों के साथ यहाँ के धार्मिक व पर्यटन से जुड़े खूबसूरत स्थलों को दर्शाती हुई आगे बढती है जिसमें कई खट्टे मीठे स्वाद आपको चखने को मिलेंगे! उन्होंने बताया कि इस सीरीज की ज्यादात्तर शूटिंग पौड़ी व उसके आसपास के क्षेत्रों में की गयी है! जिसमें पौड़ी, खिर्सू, गगवाडस्यूं घाटी के मनोरम व मनमोहक दृश्य आपको दिखाई देंगे!

अनिल बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि मनसा की पटकथा में महानगरों की असुरक्षा, गढ़वाली बोली भाषा, पलायन का दंश झेलता पहाड़, पहाड़ी नैसर्गिकता, बुजुर्गों के डीएम पर टिके पहाड़ी गाँव की आवोहवा, टूटे बिखरते सम्भलते रिश्तों की भावुकता, नशा व अन्य कई ऐसे ज्वलंत बिषयों को उठाया गया है जो कभी रोमांचित कर देते हैं तो कभी रुला देते हैं! उन्होंने कहा पूरे 11 एपिसोड आपको बांधे रखेंगे ऐसा मेरा विश्वास है! उन्होंने कहा इस सीरीज के निर्माण की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि इसके धनाभाव को पूरा करने के लिए लगभग सभी कलाकारों ने इसमें अपना अपना मनवांछित आर्थिक सहयोग देकर इसे पूरा करने का धर्म निभाया है!

“मनसा” का हर एपिसोड प्रत्येक शनिवार को यूट्यूब के माध्यम से आप अनिल बिष्ट इंटरटेनमेंट पर देख सकते हैं! इस दौरान मंचासीन सभी व्यक्तियों ने अपने-अपने विचार प्रकट किये व पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने गौधुली बेला पर देवी जागर गाकर इस वेब सीरीज की सफलता हेतु शुभकामनाएं अर्पित की! “मनसा” वेब सीरीज में निर्मात्री श्रीमती सरिता बिष्ट, कहानी, पटकथा, गीत व निर्देशन अनिल बिष्ट, सह-निर्देशक अशोक रावत, गायक सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, अनिल बिष्ट, कनिका लिंगवाल व कविता ममगाई, कैमरा-कमल रावत, प्रोडक्शन- भरत सिंह रावत, एडिटिंग शौर्य बिष्ट, मास्टरिंग- नागेन्द्र प्रसाद, मीडिया प्रभारी बीरेंद्र खंखरियाल जबकि मुख्य भूमिका में बिजेंद्र राणा व रूपा गुसाईं प्रमुख हैं! इसके अलावा अरुण हिमेश, सुहानी नौटियाल, अंकित नेगी, सावित्री ममगाई, प्रदीप भट्ट, शिव प्रसाद चमोली, नरेंद्र चिटकारिया, बीना चिटकारिया, अमर चिटकारिया, नागेन्द्र बिष्ट, राकेश मन्द्रवाल, यशोदा नेगी व हर्षपति रयाल इत्यादि ने अपनी भूमिका निभाई है! मंच संचालन की जिम्मेदारी गणेश खुगशाल गणी ने सम्भाली! “मनसा” वेब सीरीज का प्रथम अंश:-

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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